Friday, September 13, 2024

 सकारात्मकता के दिव्य प्रकाश में ही दिखता है सफलता का मार्ग .........


मानव जीवन ईश्वर की सर्वोत्कृष्ट रचना है, इस बात को कभी भी झुठलाया नहीं जा सकता है। ऐसे उत्कृष्ट मानव जीवन में जो विद्यार्थी जीवन का कालखंड है, उसका उन्नति की दृष्टि से अपना ही महत्व है। विद्यार्थीवर्ग को इस विशेष बात को अपने मस्तिष्क में रखकर स्वयं को सफलता की ओर बढ़ाने हेतु निरंतर सकारात्मकता रूप प्रकाश को अपने चित्त में रखना होगा। सकारात्मकता रूप दिव्य प्रकाश के बिना सफलता रूप मिष्ट फलों का स्वाद प्राप्त नहीं किया जा सकता है । विद्यार्थीवर्ग को मन का सकारात्मकता रूप प्रकाश ही सफलता के उन्नत मार्ग की ओर आगे ले जाएगा सकारात्मकता विद्यार्थी को प्रेरित करती है कि कहीं किसी विषय में शंका है तो बिना हिचक के वह तुरंत ही उसका अपने माता-पिता अपने गुरुजन से समाधान प्राप्त करे। विद्यार्थी जितना अधिक अपने मन की जिज्ञासाओं को प्रकट करते हुए अपने गुरुजन के सामने अपनी बात को रखेगा, वह उतना ही अधिक ज्ञान शक्ति से संपन्न होता जाएगा। अभिभावक गुरुजन किसी भी विद्यार्थी के लिए एक दिव्य प्रकाश का कार्य करते हैं, उनके निकट अपनी शंकाओं को रखने से हर प्रकार का समाधान मिलता है और उन्नति का रास्ता खुलता जाता है। विद्यार्थी को चाहिए कि वह अपने चित्त की सकारात्मकता को स्थायित्व प्रदान करने के लिए ईश प्रार्थना को अपने जीवन में विशेष महत्व दे ..... ऐसा करने से सकारात्मकता अपने दिव्यतम रूप को प्राप्त होगी और विद्यार्थीवर्ग को सफलता प्राप्ति हेतु विशेष योग्यता प्रदान करेगी। सकारात्मकता और सफलता  इन दोनों को परिपुष्ट करने हेतु अच्छी पुस्तकों को अपना मित्र बनना होगा और उन्हें पुनः पुनः ध्यानपूर्वक पढ़ते हुए अपनी ज्ञान शक्ति को निरंतर बढ़ाने का कार्य करना होगा .... ऐसा करने से विद्यार्थीवर्ग कभी भी नकारात्मकता को प्राप्त नहीं होगा, वह स्वयं सफलता की ओर बढ़ते हुए दूसरों आगे बढ़ने हेतु प्रेरित करेगा।


हे विद्यार्थियो! सकारात्मकता

रूप दिव्य प्रकाश से ही

खुलता है जीवन में उन्नत सफलता का मार्ग,

ईश प्रार्थना पुस्तकों के

पठन को यदि दें महत्व

तो रहेंगे हर क्षेत्र में

सदा अग्रसर, लगेंगे कुमार्ग।

1 comment:

  1. सकारात्मकता का है जीवन में बड़ा स्थान,
    सकारात्मकता से ही मिलता जीवन में सम्मान।

    विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए महत्वपूर्ण विचार..... वर्तमान में विद्यार्थियों के साथ इस प्रकार का संवाद अवश्य होना चाहिए..... विद्यार्थियों को इस बात से अवगत कराना आज के समय में बहुत ही आवश्यक है कि माता-पिता और गुरुजन ही सही मार्ग का निर्धारण करा सकते हैं।

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