नई शिक्षा नीति- 21वीं सदी का सम्यक विज़न
शिक्षा दृढ़ संकल्प, समर्पण, त्याग और है सम्मान।
शिक्षा जीवन का है उच्च आदर्शों के साथ निर्माण।।
शिक्षा, ज्ञान का एक ऐसा माध्यम है जो समाज के आधारभूत नियमों, व्यवस्थाओं और प्रतिमानों के साथ नैतिक मूल्यों की नींव भी रखती है। शिक्षा में ज्ञान, उचित आचरण, तकनीकी दक्षता शिक्षा और विद्या प्राप्ति आदि संभावित है। 21वीं सदी विकास व कौशल की सदी है, जो विद्यार्थियों में बहुआयामी प्रतिभा जागृत कर के आत्मनिर्भर बनने हेतु विश्लेषणात्मक तार्किक क्षमता को विकसित करती है। ज्ञान के इस युग में शिक्षा में शोध और नवाचार महत्वपूर्ण है। जिसे “एक भारत श्रेष्ठ भारत” की भावना का सम्मान करते हुए, नई शिक्षा नीति को अपनाया गया है। नई शिक्षा प्रणाली के माध्यम से छात्रों में रचनात्मकता, स्वप्रत्यय चिंतन, तर्क अभिवृति व अभिरुचि क्षमता का विकास होगा।
हमारे विद्यालय द्वारा भी विद्यार्थियों को संस्कृति व संस्कार से जोड़े रखने के लिए भारतीय संस्कृति से जुड़े विविध त्योहारों, महत्वपूर्ण दिवसों, महापुरुषों की जयंतियों व राष्ट्रीय पर्वों का आयोजन कर सात्विकता, सदाचार, समर्पण, सहयोग, शुचिता व परोपकार जैसे मानवत्व से जुड़े गुणों का विकास करवाया जाता है, दूसरी ओर 21वीं सदी को ध्यान में रखकर संप्रेषण कौशल, रचनात्मक कौशल, नेतृत्व क्षमता व कल्पना शक्ति संबंधी कौशलों का विकास करने हेतु विद्यार्थियों को विभिन्न अवसर प्रदान किए जाते है। एमपीएस, प्रताप नगर, जयपुर का लक्ष्य संस्कृति व संस्कारों से विद्यार्थियों को जोड़कर 21वीं सदी के लिए कौशलों से परिपूर्ण नागरिक तैयार करना है और इस कार्य को हमारे विद्यालय की टीम अपने शिक्षण पद्धति में नई शिक्षा नीति(NEP) 2020 के अनुरूप नवाचार लाकर बड़ी ही चेतना, सकारात्मकता व क्रियाशीलता के साथ कर रही है, क्योंकि-
नई शिक्षा नीति करेगी,
नवयुग का निर्माण।
आने वाला समय देगा, इस बात का प्रमाण।।